
भारत और विदेशों से लाखों श्रद्धालु चार धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ पहुंचे हैं। उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा ने इसकी शुरुआत के बाद से अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है, जो आस्था और भक्ति की एक अद्भुत मिसाल पेश करती है।
इस वर्ष की यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण केदारनाथ धाम रहा है, जहां मात्र 30 दिनों में ही 6.5 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। भगवान शिव को समर्पित इस पवित्र हिमालयी धाम से लोगों की गहरी आध्यात्मिक आस्था जुड़ी हुई है, जिसका प्रमाण यह विशाल संख्या है।
चार धाम यात्रा की विधिवत शुरुआत 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले।
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन शामिल होते हैं। ‘चार धाम’ का अर्थ है – चार पवित्र धाम।
परंपरागत रूप से यह यात्रा दक्षिणावर्त (घड़ी की दिशा में) क्रम में की जाती है — पहले यमुनोत्री, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ।
श्रद्धालु इस यात्रा को अप्रैल–मई से अक्टूबर–नवंबर के बीच करते हैं। ऊँचाई वाले धामों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है, जो विशेष रूप से केदारनाथ जैसे स्थानों के लिए लोकप्रिय है। जो तीर्थयात्री समय की कमी के चलते संक्षिप्त यात्रा करना चाहते हैं, वे दो धाम यात्रा (केदारनाथ और बद्रीनाथ) का विकल्प भी चुनते हैं, जिसे उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त है।