कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय से बातचीत के दौरान AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला और कहा कि उसे फिर से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए।


ओवैसी, जो भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में खाड़ी देशों की यात्रा पर गए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, ने कहा, “हम आशा करते हैं कि पाकिस्तान को एक बार फिर FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाएगा, यह बहुत आवश्यक है। पाकिस्तान आतंकवादियों की भर्ती रोक नहीं रहा है, और उसकी हवाला व मनी लॉन्ड्रिंग जैसी वित्तीय व्यवस्थाएं भारत के खिलाफ आतंक को बढ़ावा दे रही हैं।”


उन्होंने मुंबई हमले के साजिशकर्ता साजिद मीर के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को घेरा। ओवैसी बोले, “FATF की पिछली बैठक से पहले पाकिस्तान कह रहा था कि साजिद मीर मारा गया है, लेकिन दबाव में आकर वही सरकार कहती है कि वह ज़िंदा है और सजा दी गई है। पाकिस्तान में लोग एक साथ ज़िंदा और मरे हुए दोनों हो सकते हैं — यही उनका सिस्टम है।”


ओवैसी ने कहा कि IMF की आर्थिक शर्तें पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए बाध्य नहीं करतीं। उन्होंने खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और खासतौर पर कुवैत से अपील की कि वे पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने में भारत की मदद करें।


प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फंगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद और वरिष्ठ राजनयिक हर्ष श्रृंगला भी शामिल हैं। ये प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा पर है, जहां भारत की आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूत किया जा रहा है।


गुलाम नबी आज़ाद ने भी पाकिस्तान पर झूठे नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की चालों को समझे और जवाबदेही तय करे।”


वहीं प्रमुख प्रतिनिधि बैजयंत पांडा ने कहा, “भारत अब पाकिस्तान की धरती से आने वाले आतंकवाद पर चुप नहीं बैठेगा। हम कूटनीतिक और अन्य तरीकों से सख्त प्रतिक्रिया देंगे।”


इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का मकसद वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए आर्थिक रूप से अलग-थलग करना और भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाना है।


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