मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने जो कुछ सीखा, उससे उन्हें नई दिल्ली में काम करने में मदद मिली|" गुजरात के लोगों को मोदी ने आश्वासन भी दिया कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे कि उनके गृह राज्य का नाम खराब हो|
उन्होंने कहा, "गुजरात से काफी शिकायतें आई हैं कि जब से मैं दिल्ली गया हूं (वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद), मेरा इस राज्य में बहुत कम ही आना हुआ है|" सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई (एसएयूएनआई) परियोजना का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, भाजपा कार्यकर्ता और यहां तक कि लोगों ने फिर मुझसे अक्सर शिकायत की है कि मैं यहां बार-बार नहीं आता|"
मोदी ने कहा, "जब मैं दिल्ली गया, मेरे लिए सब कुछ नया था. वहां सीखने, समझने के लिए काफी चीजें थीं, लेकिन अब मैं काम सीख गया हूं|" गुजरात में 2001 से 2014 के मध्य तक मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा, "जो चीजें मैंने गुजरात से सीखीं, वह भी मेरे लिए काफी उपयोगी रहीं|" उन्होंने कहा "जब इस देश के लोगों ने गुजरात के बेटे को प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार किया है, ऐसे में मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे कि इस राज्य के लोगों को शर्मिंदा होना पड़े|"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "जिस तरह से मैंने इस राज्य के विकास के लिए काम किया था, उसी तरह से मैं इस देश के विकास के लिए काम करूंगा|" उन्होंने कहा कि "वह इस भूमि के ऋणी हैं जिस पर वह पले-बढ़े हैं, जहां से उन्होंने इतना कुछ सीखा है|"