नयी दिल्ली। अगर आप भी नौकरीपेशा है और ग्रेच्युटी का फायदा लेने के लिए आपने पांच साल तक इंतजार किया है तो अब आगे ऐसा नहीं होगा। दरअसल, सरकार की तरफ से सोशल सिक्योरिटी कोड में बदलाव किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद ग्रेच्युटी पाने के नियमों में बदलाव किया जा सकता है। यह बदलाव होता है तो कोई भी कर्मचारी किसी कंपनी या संस्थान में एक साल तक काम करने पर ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा। अभी लगातार पांच साल सर्विस करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है।


इसके अलावा एम्प्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) में सरकार की 1.16 प्रतिशत हिस्सेदारी बकरार रह सकती है। सूत्रों का कहना है कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की तरफ से सोशल सिक्यॉरिटी कोड से जुड़ा बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। बिल पेश होने से पहले इसमें कई बदलाव किए जा सकते हैं। पहले भी मीडिया रिपोर्टस में दावा किया जा चुका है कि सरकार की तरफ से ग्रेच्युटी की समय सीमा पांच साल से घटाकर तीन साल की जा सकती है।


'नए कोड में मजदूर विरोधी बातें'भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय का कहना है कि सरकार ने जो नया सोशल सिक्योरिटी कोड बनाया है, उसमें कई बातें मजदूर विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि हमने सरकार से मांग की है कि ग्रेच्युटी के लिए पात्रता को पांच साल से कम करके एक साल किया जाना चाहिए।


ग्रेच्युटी क्या हैग्रेच्युटी आपके वेतन, यानी आपकी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।


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