यूके के लंदन स्थित किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में सर्जरी के इतिहास का एक अनोखा मामला देखने को मिला। ऑपरेशन थिएटर में 53 साल की डैगमर टर्नर वायलिन बजाते रहीं और डॉक्टर उनका ऑपरेशन करते रहे। दरअसल, टर्नर के दिमाग से ट्यूमर निकालना था। डॉक्टर सर्जरी कर रहे थे। छह घंटे के ऑपरेशन के बीच में उन्हें होश आया। इसके बाद उन्हें वायलिन दिया गया। डैगमर वायलिन बजाती रहीं और डॉक्टरों ने उनका 8X4 सेमी का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल दिया।

 

 

 

सर्जरी के बीच डैगमर को होश में लाने और वायलिन बजवाने का आइडिया डॉक्टरों का ही था। ताकि इस दौरान उनके दिमाग का वह क्षेत्र सक्रिय हो जाए, जो पूरी तरह काम नहीं कर रहा है। न्यूरोसर्जन प्रोफेसर केयोमार्स शकन के मुताबिक, करीब 90 प्रतिशत तक ट्यूमर निकाल दिया गया है। डैगमर अब स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे गई है। मालूम हो, यूके में किंग्स हॉस्पिटल ब्रेन ट्यूमर का एक बड़ा सेंटर है। यहां हर साल 400 ऐसी सर्जरी होती है। 

 

 

 

सात साल पहले ट्यूमर होने का पता चला था
केयोमार्स शकन ने बताया कि डैगमर को 2013 में ब्रेन ट्यूमर होने का पता चला था। ट्यूमर टर्नर के के मस्तिष्क के दाहिने ललाट में स्थित था और उस जगह के बेहद करीब था, जहां से उसके बाएं हाथ के मूवमेंट को कंट्रोल होता था। इस लिहाज से ऑपरेशन के दौरान उस नजर रखना जरूरी था और यह तय करना था कि ट्यूमर को निकालते वक्त उस इलाके को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। डॉक्टर और एनेस्थेसिया टीम ने इसका पूरा ख्याल रखा। चूंकि, हम मरीज के शौक को जानते थे, इसलिए उसे वायलिन बनाने को कहा गया। टर्नर ने भी इसे बखूबी अंजाम दिया।

 

 

 

10 की उम्र से बजा रही वायलिन
वायलिन डैगमर का जुनून है। वे 10 साल की उम्र से वायलिन बजा रही हैं। वे वाइट सिंफनी ऑर्केस्ट्रा और कई ग्रुप में वायलिन प्रस्तुतियां देती हैं। डैगनर बताती हैं कि डॉक्टर ने उनके हाथों में वायलिन दिया और कहा कि इसे बजाते रहे हैं। मैंने उनकी बात मानी और बजाना शुरू कर दिया।


 

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