पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री (जेएंडके) मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, जिन्हें अगस्त 2019 से सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत नजरबंद किया गया है, को नजरबंदी से रिहा किया गया, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता रोहित कंसल को सूचित किया। महबूबा मुफ्ती के साथ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला सहित कई जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को घर में नजरबंद कर दिया गया था, जब सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को रद्द कर दिया था।


अब  महबूबा मूफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने महबूबा के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि अब जब महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत खत्म हो गई है तो मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहती हूं जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया.

बता दें कि महबूबा मुफ्ती  पिछले साल जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्‍छेद 370 खत्‍म करने के साथ ही 5 अगस्त 2019 से नजरबंदी में थीं.  कुछ समय पहले उन्होंने रिहाई के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.


बता दें कि  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी. महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सर्वाोच्च न्यायालय से आग्रह किया था. इसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था. पूछा कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितनी हिरासत हो सकती है? महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा?

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