दारा ने आर्थिक अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में लिखे आलेख में कहा कि साल 2030 तक भारत सरकार को 6 करोड़ नए कामगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे. यह एक बड़ी चुनौती है. सात साल पहले भारत में लॉन्च हुआ उबर लाखों भारतीयों को रोजगार दे चुका है. लेकिन कोविड महामारी की वजह से जून तिमाही में 23.9 फीसदी की गिरावट आयी है.
भारतीय नीति नियंता जो सामाजिक सुरक्षा कोड (CoSS) पारित कर रहे हैं वह काफी महत्वपूर्ण है. इसमें इस बात पर जोर दिया है कि सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए, न कि सिर्फ कर्मचारियों को. भारत उन पहले देशों में है जो देशभर में कामगारों और Gig एवं प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा के फायदे और संरक्षण दे रहा है.
गौरतलब है कि गिग का मतलब होता है अस्थायी, लचीले रोजगार जिसमें कंपनियां स्वतंत्र कॉन्ट्रैक्टर और फ्रीलांसर रखने पर जोर देती हैं. गिग इकोनॉमी में ऐसे अस्थायी कामगारों के लिए अवसर पैदा करने पर ज्यादा जोर होता है. जैसे उबर बड़ी संख्या में ड्राइवर्स के लिए रोजगार का सृजन कर रही है.