राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के 30 साल से बिहार में विकास नहीं के दावे को खारिज कर दिया। किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 30 साल से राज्य में कोई विकास कार्य नहीं करने के लिए कार्यालय में उनके कार्यकाल के लिए दोषी ठहराया था। यहां पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी ने उनके बयानों को निराधार बताया और राजनीति में उनके अब तक के महत्व पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, प्रशांत किशोर के बयान का कोई मतलब नहीं है कि मैं इसका जवाब भी देता हूं। यह एक निराधार बयान है। मुझे उसके ठिकाने की जानकारी नहीं है, वह कौन है? वह अब तक कभी भी किसी चीज का कारक नहीं रहा है। राजद नेता ने देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया के बारे में भी बात की और संसद में विधेयक के पक्ष में अपना वोट डालने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साधा।

हम हमेशा संसद में इसका विरोध करते रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि इसे बिहार में कभी भी जल्द ही लागू किया जाएगा। जदयू ने संसद में बिल का समर्थन किया था। लोग बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे थे और हर दल ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा था। अगर जेडीयू ने सीएए के पक्ष में वोट किया तो बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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