बयान में कहा गया है कि दोनों देश मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को तेजी से हल करने और बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। वे इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि दोनों देश एलएसी पर स्थिरता के लिए प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे। इसके साथ ही वे संयुक्त रूप से क्षेत्र में अमन-चैन कायम रखेंगे। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक का 12वां दौर चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन स्थल पर आयोजित किया गया था। इस बैठक से पहले भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक 14 जुलाई को दुशांबे में हुई थी। 25 जून को भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श के लिए गठित तंत्र समूह की 22वीं बैठक हुई थी। इन दोनों बैठकों के बाद कोर कमांडर स्तर की अगली बैठक के लिए रास्ता तैयारकिया गया।
पश्चिमी क्षेत्र में विवादित मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच गहन बातचीत हुई। साथ ही तनाव के बाकी क्षेत्रों से अलग होने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए विचारों को एक दूसरे के साथ साझा किया गया। दोनों पक्षों ने कहा कि बैठक का यह दौर रचनात्मक रहा, जिसने आपसी समझ को और बढ़ाया। दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को तेजी से हल करने और बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमत हुए।
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