राज्यसभा में गुरुवार को बताया गया कि परमाणु ऊर्जा स्टेशनों सहित भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान साइबर हमले से सुरक्षित हैं। भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान ने अपने प्रतिष्ठानों में प्रयुक्त प्रणालियों के डिजाइन, विकास और संचालन के लिए पहले से ही एक कठोर प्रक्रिया निर्धारित की है। सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा और सुरक्षा को कस्टम निर्मित हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके इन-हाउस डिज़ाइन और विकसित किया गया है, जो अधीन हैं केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा।

उन्होंने कहा कि भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और सुरक्षा महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा, जैसे कि नियंत्रण नेटवर्क और संयंत्रों की सुरक्षा प्रणाली इंटरनेट और स्थानीय आईटी नेटवर्क से अलग हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग के पास डीएई इकाइयों की साइबर सुरक्षा/सूचना सुरक्षा की देखभाल के लिए कंप्यूटर और सूचना सुरक्षा सलाहकार समूह (सीआईएसएजी) और इंस्ट्रुमेंटेशन और नियंत्रण सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स (टीएएफआईसीएस) जैसे विशेषज्ञ समूह हैं। मंत्री ने कहा कि ये समूह परमाणु सुविधाओं सहित डीएई के तहत सभी इकाइयों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सिस्टम और ऑडिट को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं।

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