दिल्ली से सटे गुरुग्राम में शनिवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां पेशे से पेंटर एक शख्स ने भूख और बेरोजगारी से परेशान होकर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली.

 

 

आत्महत्या करने से दो दिन पहले ही शख्स ने अपना मोबाइल बेचा था. कोरोना वायरस से लड़ाई के बीच भूख की तड़प और परिवार की लाचारी ने शख्स को इतना परेशान किया कि उसने अपना 12 हजार का मोबाइल महज ढाई हजार रुपये में बेच दिया.

 

 

 

इस पैसे से उनसे अपने चार बच्चे और पत्नी के लिए खाना खरीदा. इन दिनों छोटे से घर में चार बच्चों और पत्नी के साथ दोपहर बिताना असहनीय हो रहा था, इसलिए एक टेबल पंखा भी खरीदा. लेकिन इस ढाई हजार से वो अपने लिए सिर्फ दो दिन की जिंदगी ही खरीद सका और लाचार होकर आत्महत्या कर ली.

 

 

मृतक शख्स का नाम मुकेश है जो बिहार के मधेपुरा का रहने वाला था. मुकेश अपने पीछे चार बच्चे और एक पत्नी छोड़ गया है. सबसे बड़ी लड़की सोनी जो 7 साल की है, उसके बाद गोलू (4 साल), काजल (2 साल) और सबसे छोटा बच्चा रवि जो अभी सिर्फ 5 महीने का है.

 

 

मुकेश अपने परिवार के साथ सरस्वती कुंज डीएलएफ फेज 5 की झुग्गियों में रहता था. लॉकडाउन की वजह से मुकेश की जमा-पूंजी खत्म हो गई थी. हालात इतने खराब थे कि उनके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं थे. लॉकडाउन की वजह से रोजगार भी नहीं बचा, ऐसे में वो अपने बीवी बच्चों को खाना कहां से खिलाए, ये सोच-सोच कर परेशान हुआ जा रहा था.

 

 

हालांकि कुछ दिनों तक दोस्तों से भी पैसा मांगा, लेकिन जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो अपना मोबाइल बेच दिया. इस पैसे से उसने परिवार के लिए आटा, चावल और चीनी खरीदा. साथ ही एक टेबल पंखा भी. क्योंकि छोटे से घर में इन दिनों गर्मी की वजह से रहना मुश्किल हो रहा था.

Find out more: