
चोकसी को कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र में एंटीगुआ से क्यूबा भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया था, जहां वह 2018 से रह रहा था. एंटीगुआ के प्रधान मंत्री गैस्टन ब्राउन ने चोकसी को सीधे भारत वापस भेजने के लिए डोमिनिका से पूछा था लेकिन उसके वकीलों ने इसका विरोध किया. वकीलों ने कोर्ट में कहा कि वांछित व्यवसायी को भारत नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वह अब वह भारत का नागरिक नहीं है.
मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे होगी.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि डोमिनिका में मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने कथित तौर पर उस तक पहुंच नहीं दिए जाने के बाद एक याचिका दायर की थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि उसके शरीर पर "यातना के निशान" बताए गए हैं.
चोकसी के वकील वेन मार्श ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, "मैंने नोटिस किया कि मेहुल चोकसी को बुरी तरह पीटा गया था, उसकी आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर कई जगह जले हुए निशान थे. उसने मुझे बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उसका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा फिर डोमिनिका लाया गया था जिन्हें वह भारतीय और एंटीगुअन मानता था. वे लोग लगभग 60-70 फीट लंबे जहाज पर तैनात पुलिसकर्मी थे."