आज पेश होने वाले बजट से महिलाओं को भी उम्मीदें हैं। खासकर रसोई और रोजमर्रा की वस्तुओं में कोई अतिरिक्त बोझ न झेलना पड़े, इसकी महिलाएं उम्मीद कर रही हैं। इनका कहना है कि दाल, सब्जी, रसोई, तेल, साबुन के दामों में कमी आनी चाहिए।


ताकि घर का खर्च आसानी से चल सके । वहीं कामकाजी महिलाएं टैक्स स्लैब में छूट की उम्मीद भी कर रही हैं। स्कूली बजट, निर्भया फंड की बढ़ोत्तरी के साथ ही महिलाएं रोजगार के अवसर की उम्मीद भी बजट से कर रही हैं।

 

महिला सशक्तिकरण के लिए इस बजट में ठोस प्रावधान किया जाना चाहिए। निर्भया फंड को बढ़ाना चाहिए। स्कूली बजट में कटौती हो रही है, जो नहीं होना चाहिए। मनरेगा के माध्यम से कईं महिलाओं को रोजगार मिला है, इसे बंद करने की बजाय प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए।
-इंदु नौडियाल, गृहणी और सामाजिक कार्यकर्ता 


 
इनकी ये हैं उम्मीदें
महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या घर चलाने की है। सरकार को ऐसे प्रावधान करने चाहिए, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं दाल, चीनी, तेज साबुन, चावल सब्जी, गैस के दामों पर अंकुश लगे। जिससे कि वह अपना घर आसानी से चला पाए और कुछ बचत कर सके।
-बीना तड़ियाल, गृहणी 

 

बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह एजुकेशन के लिए कुछ ठोस प्रावधान करें। फीस, किताबों की कीमत पर अंकुश लगाने के लिए कुछ प्रावधान करें। इसके साथ ही महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए।
-रामेश्वरी रतूड़ी  

 

बढ़ती महंगाई ने महिलाओं को पूरा बजट बिगाड़ दिया है। इसलिए बजट में महंगाई कम करने के लिए खास प्रावधान किए जाने चाहिए। रसोई गैस, दालों, सब्जियों के दामों में वृद्धि पर अकुंश लगाने के लिए सरकार को बजट में व्यवस्था करनी चाहिए।
-आशा नौडियाल

 

कामकाजी महिलाओं के लिए बजट में कुछ न कुछ प्रावधान होना चाहिए। वेतन वृद्धि साथ ही महिलाओं को टैक्स में और अधिक छूट होनी चाहिए। साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए के साथ ही रोजगार के अवसर उत्पन्न हो इसके लिए प्रावधान होना चाहिए।
-गुड्डी देवी 

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: