केंद्र ने गुरुवार को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते के वितरण को निलंबित कर दिया है। 

यहां इसका क्या मतलब है:


केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2020 से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी मिलने वाली थी। केंद्र ने बढ़ोतरी का भुगतान नहीं किया।


अगले जुलाई तक डीए की दरें समान होंगी।


इस अवधि के लिए कोई बकाया नहीं होगा - 1 जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक।

 

1 जुलाई, 2020 और 1 जनवरी, 2021 से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।

 

इससे 49.26 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे।

 


आज जारी अधिसूचना में कहा गया है कि गरीबों और निशक्तों सहित समाज के विभिन्न प्रभावित वर्गों के लिए स्वास्थ्य पर खर्च के साथ-साथ कल्याणकारी उपायों में बड़ी वृद्धि की आवश्यकता है।

 

डीए और डीआर (महंगाई राहत) की दर को 1 जुलाई, 2021 से बहाल किया जाएगा।

 


नई दर एक संचयी संशोधित दर होगी।

 

इससे सरकार को चालू और अगले वित्त वर्ष में 37,350 करोड़ रुपये की बचत होगी।

 


अगर राज्य सरकारें भी इस कदम का पालन करती हैं, तो वे 1.20 लाख करोड़ रुपये बचा पाएंगे।

 

डीए को बढ़ाने का निर्णय मार्च में लिया गया था और इसे जनवरी 2021 से लागू किया जाना था। महंगाई की भरपाई के लिए सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए मिलता है। दर को दो बार संशोधित किया गया है - जनवरी में एक बार, जुलाई में एक बार। इससे पहले, महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति को देखते हुए विधायकों और सांसदों के वेतन में कटौती की गई थी।

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