
शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर और छह अन्य दोषियों को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने सेंगर और उनके भाई जय दीप उर्फ अतुल सिंह सेंगर को परिवार को मुआवजे के रूप में 10-10 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया।
अदालत ने बुधवार को एक महिला के पिता की मौत के लिए सेंगर, उसके भाई और दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को दोषी ठहराया था, जिनका जून 2017 में सेंगर ने बलात्कार किया था।
कोर्ट ने इस मामले में सेंगर को दोषी करार देते हुए कहा था कि जिस तरीके से पीड़िता के पिता की हत्या की गई थी, वह जधन्य था। पुलिस कस्टडी में पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 को हत्या हो गई थी। आपको बता दें कि अदालत में सजा पर जिरह के दौरान सेंगर ने कहा था कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए और उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को आपराधिक साजिश का दोषी पाया था। फैसला सुनाते हुए तीस हजारी कोर्ट के जज ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा। जज ने सीबीआई और पीड़ित के वकील की भी सराहना की। तीस हजारी कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई की थी और फैसले के लिए चार मार्च की तिथि तय की थी।
सेंगर को दिसंबर 2019 में तीस हजारी जिला अदालत ने नाबालिग होने पर महिला के साथ बलात्कार करने के लिए "उसके प्राकृतिक जैविक जीवन के शेष" के लिए जेल भेज दिया था। उन्हें पिछले महीने उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था।