फिल्मकार अक्सर पहलाज निहलानी की अध्यक्षता वाले सेंसर बोर्ड के कामकाज पर सवाल उठाते ही रहे हैं| अब सेंसर बोर्ड की कार्यशैली की समीक्षा के लिए बनी श्याम बेनेगल कमिटी के सदस्य रहे राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने सेंसर बोर्ड की सीमाओं की बात की है| एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "सेंसर बोर्ड का काम फिल्मों के जरिए समाज पर पड़नेवाले दुष्प्रभावों को रोकना भर है| अगर बोर्ड लोगों की पसंद-नापसंद तय करने लगे तो मुश्किल तो होगी ही|"
Inline imageकई फिल्मकारों ने पिछले साल बोर्ड के विरुद्ध आवाज उठाते हुए सर्टिफिकेशन कानून में चेंजेस करने का अनुरोध किया था| इसके बाद केंद्र सरकार ने श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में एक कमिटी का निर्माण किया था जिसमें राकेश ओमप्रकाश मेहरा भी मौजूद थे| मेहरा के अनुसार फ़िल्मकार पर किसी तरह की रुकावट लगाने से अच्छा होगा फ़िल्म देखने की एक उम्र निर्धारित कर दी जाए| 
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जिससे फ़िल्मकारों को अपने मन अनुसार फ़िल्म बनाने में किसी तरह की उलझन ना हो| 'भाग मिल्खा भाग' और 'रंग दे बसंती' जैसी फिल्मों के ज़रिए बॉलीवुड में पहचान बना चुके मेहरा कभी तैराक हुआ करते थे| गुलज़ार साहब से उनकी मुलाक़ात हुई, जिनके साथ वो फ़िल्म 'देवदास' का रीमेक बनाना चाहते थे|
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लेकिन उनकी इन इच्छाओ को 35 वर्षो का लंबा इंतज़ार करना पड़ा| राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आनेवाली फिल्म 'मिर्जिया' गुलज़ार ने ही लिखी है| इस फ़िल्म के ज़रिए अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन अपनी फ़िल्मी पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं| 7 अक्टूबर को फ़िल्म 'मिर्जिया' रिलीज़ होगी|


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