राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए गए कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या हम एक समाज के तौर पर हंसाबेन मेहता के महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान देने के नज़रिए के साथ जी रहे हैं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि हाल ही के दिनों में हुई कुछ घटनाओं ने हमें इस पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. देश के कई हिस्सों से महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों की घटनाएं सामने आई हैं. ये किसी एक स्थान और राष्ट्र तक सीमित नहीं हैं.
राष्ट्रपति ने लिखा कि विश्व के कई भागों में जो लोग असुरक्षित हैं, उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जाता है. विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने का आदर्श तरीका पूरी दुनिया को यह बताना है कि हमें घोषणा पत्र के शब्द और आत्मा को जीने के लिए क्या करने की जरूरत है.
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