सुरक्षा के मध्यनजर अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी माछिल माता यात्रा को स्थगित कर दिया गया। 43 दिन लंबी चलने वाली माता की इस यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से कहा गया कि वे यात्रा को जारी न रखें। साथ ही जो यात्री इसके लिए निकल चुके हैं, वे भी वापसी की तैयारी करें।
बता दें कि, किश्तवाड़ में स्थित चंडी माता मंदिर को जम्मू-कश्मीर के एक पारंपरिक देवस्थान के रूप में जाना जाता है। हर साल यहां एक पारंपरिक माछिल यात्रा होती है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए राज्य के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड के तमाम श्रद्धालु यहां आते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालु माता चंडी की उपासना करते हैं और इसके लिए प्रशासन की ओर से खास तैयारियां की जाती हैं। यात्रा के दौरान देश भर के हजारों श्रद्धालु मनोरम पद्दार घाटी की सुंदरता निहारते हैं और 30 किलोमीटर कठिन मार्ग पर चलकर किश्तवाड़ के माछिल गांव में मां दुर्गा के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। यह स्थान नीली खदानों के लिए भी प्रसिद्ध है।
किश्तवाड़ को एक दशक पहले ही आतंकमुक्त घोषित किया गया था। लेकिन शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पाक में बनी बारूदी सुरंग (लैंडमाइन) और अमेरिकी स्नाइपर गन मिलने के बाद अमरनाथ यात्रा के बाद ये माछिल यात्रा पर भी रोक लगा दी गई।